Tag Archives: शकील बदायूँनी

खुदा निगहबान हो तुम्हारा…

मुखड़ा: वो आई सुबह के पर्दे से मौत की आवाज़ किसी ने तोड़ दिया जैसे ज़िंदगी का साज गीत: खुदा निगहबान हो तुम्हारा, धड़कते दिल का पयाम ले लो तुम्हारी दुनिया से जा रहे हैं, उठो हमारा सलाम ले लो … Continue reading

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एक झूठ है जिसका दुनिया ने रखा है मोहब्बत नाम

मुखड़ा : प्यार के सागर से निकली, मोती के बदले रेत । अब पछताये क्या होये, जब चिड़ियाँ चुग गईं खेत ।। गीत: एक झूठ है जिसका दुनिया ने, रखा है मोहब्बत नाम धोखा है जिसे कहते हैं वफ़ा, बस … Continue reading

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मेअराज-ए-सितम

देखना चाहो अगर तुम अपनी मेअराज-ए-सितम मुस्कुरा देना मेरी बरबादी-ए-दिल देखकर

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“आपकी क़सम” / Aapki Qasam

आप ख़ुद ही सोचिये मैं हूँ उन्हें कितना अज़ीज़ वो ख़ुदा को छोड़कर मेरी क़सम खाने लगे शेर: शकील बदायूँनी 

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मुहब्बत का अंजाम / Muhabbat Ka Anjaam

ऐ मुहब्बत, तेरे अंजाम पे रोना आया जाने क्यों आज, तेरे नाम पे रोना आया यूँ तो हर शाम उम्मीदों में गुज़र जाती थी आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया

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