Tag Archives: अज्ञात

नेता और चुनावी टिकट

हमने परिचित नेता से प्रश्न किया: आपने जिस ढंग से अपने सिर पर टोपी लगाई उसे देखकर सभी की बुद्धि भरमाई आपको देखकर लोग कई तरह के अनुमान लगा रहे हैं अतः कृपया बतायें कि आप पार्टी में आ रहे … Continue reading

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निरादरणीय दल-बदलू जी…

निरादरणीय दल-बदलू जी, बार-बार धिक्कार सुना है आपने दूसरा दल भी छोड़ दिया अपना भाग्य फोड़ा या उनका फोड़ दिया लोग व्यर्थ ही संशय करते हैं कि आप कैसे हैं किंतु आप क्या करें आपके संस्कार ही ऐसे हैं अस्पताल … Continue reading

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रिंदों की सोच

रोज़ रात को पी, सुबह उठ के तौबा कर ली रिंद के रिंद रहे, हाथ से जन्नत न गई

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तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत…

तुम्हें ग़ैरों से कब फ़ुरसत, हम अपनों से कब खाली चलो हो चुका मिलना, न तुम खाली, न हम खाली — Tumhen ghairon se kab fursat, ham apnon se kab khali Chalo ho chuka milna, na tum khali, na ham … Continue reading

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रावण के राज में

मेरी नन्ही-सी बिटिया मुनमुन, अक्सर विचारों को लेती है बुन, मैंने उसे रावण का पुतला दिखाया,

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