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दशकों बाद …

दशकों बाद मुझसे किसी की मुलाकात हुई । शांत पानी में छलकती एक प्रतिबिम्ब की तरह, उपवन के उस कोने में खिले उस अनजाने गुलाब की अनजानी सुगंध की तरह, वर्षा की पहली फुहार के साथ, खिड़की से आती उस … Continue reading

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